कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे पर बेलतरा सीट से खेल सकती है दांव, ब्राह्मण दावेदारों की एकजुटता ध्वस्त कर सकता है भाजपा का गढ़, समीकरण बनाते हैं जीत के दावेदार

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछने की शुरुवात हो चुकी है, हर दल ने मतदाता सूचियों और अपने कार्यकर्ताओं के बल पर विधानसभा सीटों का जातिगत ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है, आधिकारिक आंकड़ों की गैर-मौजूदगी में इस ब्लूप्रिंट की वैधानिक कीमत भले ही रद्दी की तौल में हो, लेकिन टिकट पाने और बांटने वाले दिग्गज इस मोटी पोथी को सीने से लगाए घूम रहे हैं, और इसमें से निकले जाति-मंत्र टिकटार्थियों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं, मजे की बात यह है कि सूबे के पानी की तासीर कुछ ऐसी कि जाति के सौ तार वाले संतूर को साधने पर जीत की धुन भी सुनाई पद रही है |

बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा में भी कुछ इसी तरह की धुन सुनाई दे रही है | जहां सवर्ण सीट पर तख्ता पलटने की ताकत रखते हैं | सूबे के सियासी मुस्तकबिल की रेखाएं खींचने वाली प्रमुख जातियां हैं- ब्राह्मण, कौशिक, साहू, यादव और सूर्यवंशी. बेलतरा की राजनीति में ब्राह्मण बनाम ब्राम्हण की अहमियत रही है, बीजेपी को लगता है कि क्षेत्र में ब्राम्हण से फायदा है, इसका प्रयोग भी बीजेपी करते आ रही है और लगातार जीत रही है, कांग्रेस का इतिहास भी कुछ ऐसा ही कहता है, 1993 विधानसभा चुनाव में आखिरी बार चंद्र प्रकाश बाजपेयी बेलतरा से कांग्रेस के विधायक बने थे, इसके बाद से चार पंचवर्षीय से बेलतरा सीट कांग्रेस के हाथ नहीं लग पाई है |

इसकी भी मुख्य वजह दावेदार हैं | कांग्रेस बेलतरा में ब्राम्हण के बाद भुवनेश्वर यादव, फिर रमेश कौशिक को टिकट दी, जिससे पार्टी को हार का मुँह देखना पड़ा | इस इलाके में ब्राम्हण का अच्छा-खासा वोट बैंक है, बेलतरा के शहरी क्षेत्र में मतदाताओं का खास असर है, पिछले विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाले तो देखेंगे कि बेलतरा में कांग्रेस का प्रत्याशी ग्रामीण बेलतरा से हमेशा लीड किया है, लेकिन शहरी बेलतरा से हार का मुंह देखना पड़ता है, ऐसे में पार्टी को यह भी देखना होगा कि ब्राम्हण के साथ-साथ दावेदार का शाहरी वोट बैंक कैसा है |

कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में बेलतरा से यदि ब्राह्मण कार्ड खेलती है, तो सीट पर जीत फ़तेह कर सकती है, अच्छी बात यह है कि ब्राम्हण सीट को जितने के लिए एकजुटता भी दिखा रहे हैं | हाल ही में बेलतरा के 18 ब्राह्मण दावेदारों ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को पत्र लिखकर ब्राह्मण कि ही टिकट देने की मांग किये हैं, साथ ही सीट जीतने की गारंटी भी इस पत्र में नजर आ रही है, साथ ही एक तरह से चेतावनी भी नजर आ रही है | अब यदि कांग्रेस बेलतरा से ब्राम्हण कार्ड खेलती है तो एक सीट पर जीत फ़तेह कर सकती है | ब्राम्हण दावेदारों के इस पत्र पर कांग्रेस को जरूर विचार करना चाहिए |

 

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