CG-कोयला लेवी केस में हलचल: ED की सिफारिश से हिल गई अफसरशाही, IAS-IPS पर गिर सकती है गाज
प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य सरकार को भेजा पत्र, दो बड़े IAS, दो IPS और एक ASP पर निगरानी; सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहले ही केस को गंभीर मान चुके हैं
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में एक बार फिर कोयला लेवी घोटाले ने हलचल मचा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर दो बड़े IAS अधिकारियों, दो IPS और एक ASP पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। यह खबर सामने आते ही अफसरशाही में खलबली मच गई है।
सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी कोयला लेवी घोटाले से जुड़े नेटवर्क में अहम भूमिका निभाने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। ED का कहना है कि इन अफसरों की भूमिका अवैध वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के तार से जुड़ी रही है।
गौरतलब है कि कोयला घोटाले में पहले भी कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं। IAS रानू साहू, समीर विष्नोई और पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया इस केस में आरोपी रह चुकी हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी हुई है। वहीं, हाल ही में हाईकोर्ट ने ED की संपत्ति अटैचमेंट कार्रवाई को सही ठहराया है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
खुलासा इस बात का भी हुआ है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने जहां सूर्यकांत तिवारी को करोड़ों रूपये कैश दिये। वहीं चर्चित एएसपी ने सूर्यकांत तिवारी से 5.67 करोड़ लिए हैं। ईडी ने पत्र में स्पष्ट किया है कि इस डायरी में दर्ज लेन-देन की तारीख, राशि और पक्षों के नाम सहित पूरी जानकारी दी गई है। इसमें 5 प्रमुख लोगों से जुड़े लेन-देन का ब्योरा सामने आया है, जो पिछली सरकार के समय पावरफुल अधिकारी माने जाते थे।
इस नई सिफारिश के बाद अब सवाल उठ रहा है कि राज्य सरकार ED के पत्र पर क्या रुख अपनाएगी। क्या दोषी पाए जाने वाले अफसरों पर तत्काल गाज गिरेगी या यह मामला फाइलों में दबा रह जाएगा? फिलहाल प्रशासनिक गलियारों से लेकर राजनीतिक हलकों तक इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
IAS और IPS ने दिये करोड़ों रूपये कैश
छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला लेवी घोटाले में ईडी की ताज़ा जांच ने अफसरशाही में भूचाल ला दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने राज्य के मुख्य सचिव और ACB–EOW को पत्र भेजते हुए बड़ा खुलासा किया है। जांच के दौरान कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की डायरी से 80 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन का विवरण सामने आया है, जिसमें कई प्रभावशाली अफसरों के नाम दर्ज पाए गए हैं। इनमें दो IAS, दो IPS और एक ASP अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं। इन खुलासों ने न केवल सरकार बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है।