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Google Maps ने किया गुमराह, घने जंगल में फंसा 5 दोस्तों का ग्रुप, भटकते रहे 11 घंटे तक

Google Maps News. गूगल मैप्स से मदद लेना पांच दोस्तों को महंगा पड़ गया, गूगल मैप्स ने युवाओं के टीम को जंगल से बाहर निकालने की जगह सप्तसज्य वन के बीच घने जंगल में फसा दिया, जहा युवक लगभग 11 घंटे तक भटकते रहे,जहां से बाहर निकलने का कोई साफ रास्ता नहीं नजर आ रहा था, फिर ग्रुप में से एक युवक ने किसी तरह से संपर्क कर पुलिस से सहायता मांगी ,

Google Maps. मिली जानकारी के अनुसार कटक के एक प्राइवेट ITI कॉलेज के छात्र सुजित्य साहू, सूर्य प्रकाश मोहंती, सुभान महापात्रा, हिमांशु दास और अरक्षिता महापात्रा सभी अपने दोस्तों के साथ प्रसिद्ध सप्तसज्य मंदिर के दर्शन के लिए अपनी बाइक पर निकला था और सुबह 11 बजे के आसपास पहुंचा, पहाड़ी के ऊपर स्थित मंदिर और विष्णु बाबा के मठ के दर्शन करने के बाद, वापसी के रास्ते में उन्होंने एक गलत टर्न ले लिया. दोपहर 2 बजे तक वे भटकते हुए घने जंगल के काफी अंदर पहुंच गए, जहां से बाहर निकलने का कोई साफ रास्ता नहीं नजर आ रहा था,

ओडिशा के ढेंकनाल में गूगल मैप्स गाइडेंस के लिए गूगल मैप्स पर निर्भर रहने से उनकी परेशानी और बढ़ गई क्योंकि हर दिशा उन्हें अनजान इलाके की तरफ ले जा रही थी. थके हुए और बिना भोजन के, वे शाम 5:30 बजे तक भुआशुनी खोला पहुंच गए, जहां उन्होंने मदद के लिए किसी से संपर्क करने से पहले कुछ देर रुककर मदद मांगी. बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए घंटों संघर्ष करने के बाद, उनमें से एक व्यक्ति संपर्क करने में कामयाब रहा और उसने पुलिस से सहायता मांगी.

ग्रुप के एक लड़के ने बताया, “हम वहां घूमने के लिए गए थे, हम मंदिर को कदम दर कदम पार करते हुए पहाड़ी की चोटी पर पहुंचे. हमें गूगल से पता चला कि ऊपर एक खूबसूरत जगह है, जहां दूसरे लोग आते हैं, इसलिए हम वहां चले गए लेकिन वहां कुछ सबवे के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं था, उन्होंने आगे बताया कि जब हम वापस लौटने लगे तो हमें बाहर आने के लिए सड़क नहीं मिली. वहां “भुआसुनी खाला” नाम की जगह थी, यह जगह लोगों के लिए प्रतिबंधित है, लेकिन हम गलती से वहां पहुंच गए और उसके बाद हमें वहां से आगे जाने के लिए सड़क नहीं मिल पाई,

वही इस मामले की जानकारी जब ढेंकनाल पुलिस ने वन विभाग को दी जिसके बाद पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त रुप से बचाव अभियान शुरू करते हुए, जंगल की तरफ दो टीमें भेजी. जिसमें से एक टीम माझी साही (Majhi Sahi) की तरफ से आगे बढ़ी जबकि दूसरी टीम मंदिर की तरफ से चढ़ रही थी.

 

 

 

 

 

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