मंत्री TS सिंहदेव के इस्तीफे के साथ सौंपे गए पत्र से मनरेगा कर्मी नाराज, हड़ताल को साजिश बताने से नाराजगी, कहा – आपके विचारों से हमें आहत पहुंचा
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे के संबंध में लिखे पत्र से मनरेगा कर्मचारी महासंघ भड़क गया है। संगठन ने नौ बिंदुओं का एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उनके हड़ताल के संदर्भ में सिंहदेव के विचारों से वे लोग आहत हुए हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि इस पत्र में मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा को उनकी संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद दिया है।
पिछले महीने हुई थी कार्रवाई, पिछले सप्ताह बहाली
नियमितिकरण की मांग लेकर मनरेगा कर्मचारी पिछले ढाई महीनों से हड़ताल पर थे। इस दौरान उन्होंने राजधानी रायपुर सहित प्रदेश भर में कई प्रदर्शन किये। सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद बात नहीं बनी तो 21 सहायक परियोजना सहायक-संविदा को इसके लिए जिम्मेदार मानकर बर्खास्त कर दिया गया। इसके विरोध में सभी 12 हजार कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। रायपुर में बड़ा प्रदर्शन हुआ। पिछले सप्ताह सरकार ने बर्खास्त कर्मचारियों को फिर से बहाल कर दिया।
सिंहदेव ने क्या कहा था, जिसपर आहत हुई भावना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे अपने पत्र में टीएस सिंहदेव ने लिखा था। उसमें कहा गया था कि एक साजिश के तहत रोजगार सहायकों से हड़ताल करवाकर मनरेगा के काम को प्रभावित किया गया। इसमें सहायक परियोजना अधिकारियों-संविदा की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई। स्वयं आपके द्वारा उनकी मांगों पर विचार के लिए कमेटी बनाई गई। उसके बाद भी हड़ताल खत्म नहीं हुई। हड़ताल की वजह से 1250 करोड़ रुपए की मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया। जब आपके अनुमोदन से सहायक परियोजना अधिकारियों-संविदा के स्थान पर रेग्युलर सहायक परियोजना अधिकारियों की नियुक्ति हो गई। तब उनकी बहाली की कार्यवाही चलने लगी। उसपर आपत्ति जताने के बाद भी उनकी पदस्थापना कर दी गई जाे स्वीकार नहीं है।
सिंहदेव ने वेतन वृद्धि की फाइल अटकाने का भी आरोप लगाया था
टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने इसी पत्र में कहा था, मनरेगा का काम करने वाले रोजगार सहायकों की मेहनत को देखते हुए उनकी वेतनवृद्धि का प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से भेजा गया था। वित्त विभाग की सहमति नहीं मिलने की वजह से वह प्रस्ताव आज तक लंबित है। इस विषय पर व्यक्तिगत तौर पर भी आपसे चर्चा हुई है।