मोदी सरकार में कम हुआ IAS का “रुतबा”, 33 संयुक्त सचिवों की नियुक्ति में सिर्फ 7 IAS शामिल….कमजोर पड़ने लगी सबसे ताकतवर लॉबी

केंद्र में दूसरी बार सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने संयुक्त सचिव के पदों पर गैर आईएएस अधिकारियों का नियुक्ति करके संकेत दे दिया है कि अब केंद्र में आईएएस अधिकारियों की तूती नहीं बोलने वाली है, आईएएस अधिकारियों के वर्चस्व को कम करते हुए मोदी सरकार ने अन्य संवर्ग के अफसरों को भी महत्व दिया है, इसका ताजा उदाहरण अभी हाल ही में नियुक्त किए गए 33 संयुक्त सचिवों में देखने को मिलता है, जिसमें सिर्फ सात आईएएस अधिकारियों को शामिल किया गया है |

बता दें कि मोदी सरकार ने जिन 33 संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की, उसमें ज्यादातर इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस, भारतीय डाक एवं संचार, भारतीय सैन्य अकाउंट सेवा, इंडियन रेलवे अकाउंट्स सर्विस, इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ सिग्नल इंजीनियर्स और इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विसेज के अफसर शामिल हैं |
निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञ बन चुके हैं ज्वाइंट सेक्रेटरी
केंद्र सरकार कुछ महीने पहले लेटरल एंट्री के तहत निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञों को विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर नियु्क्त कर चुकी है. इसमें सुजीत कुमार बाजपेयी (पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन), अरुण गोयल (वाणिज्य), अंबर दुबे (नागरिक उड्डयन), राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले), सौरभ मिश्रा (वित्तीय सेवाएं), दिनेश दयानंद जगदाले (नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा), सुमन प्रसाद सिंह (सड़क परिवहन और राजमार्ग), भूषण कुमार (शिपिंग) और काकोली घोष (कृषि, सहयोग और किसान कल्याण) शामिल हैं |

किसे कहां मिली तैनाती
केंद्र सरकार की ओर से 23 जुलाई को जारी सूचना के मुताबिक, इंडियन ऑडिट एंड एकाउंट्स सर्विसेज की 1995 बैच की अफसर पूजा सिंह मंडोल को सिविल एविएशन निदेशालय का ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया गया है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री में ही इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग( (IRSME) अफसर अंशुमाली रस्तोगी ज्वाइंट सेक्रेटरी बने हैं.1992 बैच के आईएएस पंकज अग्रवाल कैबिनेट सचिवालय में पांच साल के लिए ज्वाइंट सेक्रेटरी बने हैं. इसी तरह 1988 बैच की आईएफएस शोमिता बिश्वास एग्रीकल्चर कॉरपोरेशन एंड फॉर्मर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट की ज्वाइंट सेक्रेटरी नियुक्ति की गई हैं.

इसी तरह IRS अफसर संदीप एम प्रधान को भारतीय खेल प्राधिकरण में महानिदेशक नियुक्त किया गया है. वहीं भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा की अधिकारी राधिका चौधरी और केंद्रीय सचिवालय सेवा की जी जयंती को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्ति मिली है |

लेटरल एंट्री भी बनी IAS लॉबी के लिए सिरदर्द
केंद्र सरकार विभिन्न मंत्रालयों मे निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाकर उनके अनुभव का लाभ लेना चाहती है, अब ज्वाइंट सेक्रेटरी वे भी लोग भी बन सकते हैं, जो सिविल सर्विसेज की परीक्षा से नहीं गुजरे हैं, इस सिस्टम को ब्यूरोक्रेसी में आईएएस अफसरों के वर्चस्व को चुनौती देने वाला करार दिया जा रहा है |

बता दें कि जुलाई 2017 में मोदी सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री से सीधी नियुक्ति का प्लान तैयार किया था, सरकार के प्लान के मुताबिक निजी क्षेत्र के अनुभवी विशेषज्ञों को उपसचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्त किया जा सकता है, सरकार ने यह कवायद नीति आयोग की एक रिपोर्ट पर की थी, जिसमें लेटरल एंट्री के तहत निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का सुझाव दिया गया था, कहा गया था कि इसके प्रशासनिक सुधार के साथ ब्यूरोक्रेसी को गति भी मिलेगी |

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