…जब इस IAS अफसर ने खेत में काम कर रही महिलाओं से मांगा धान का रोपा …खेत में उतर कर करने लगी रोपाई…..फिर वहां खड़े अधिकारियों ने बताया कि, वे इस जिले की CEO है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरुवा, घुरुवा बारी को सफल बनाने के लिए इन दिनों प्रदेश के आईएएस अफसर अपने दफ्तरों को छोड़कर ग्रामीणों के बीच जाकर उनके समस्याओ को सुनने के साथ ही उनके कामों में हाथ बाटते हुए नजर आ रहे है, पिछले दिनों बेमेतरा कलेक्टर ने जहां एक किसने के खेत की जुताई और बुआई की,वही आज कोंडागांव जिला पंचायत सीईओ ने भी खेत में उतर कर धान का रोपा लगाई |

बता दें कि कोंडागांव जिले में सुबह-सुबह जब ग्रामीण महिलाएं अपने खेत में जाकर धान का रोपा लगा रही थी, उसी समय अचानक 3-4 बड़ी -बड़ी गाडिय़ां वहां आकर रूकी और उसमें से एक महिला निकल कर सीधे खेत की ओर बढ़ी और महिलाओं से धान का रोपा मांगा और सीधे रोपाई करने लगी। अचानक से आकर महिला को रोपा लगाते हुए देख ग्रामीण कुछ देर के लिए हैरान हो गए, फिर वहां खड़े अन्य अधिकारियों ने बताया कि, वे इस जिले की सीईओ है।

जिला पंचायत सीईओ नूपुर राशी पन्ना खेत मे उतरते ही अन्य अधिकारी भी एक-एक कर खेत मे उतर गए और धान का पौधा लेकर रोपाई करने लगे। इस दौरान जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही बढ़ी संख्या में बिहान से जुड़े हुए समूह के लोग मौजूद रहे।

ग्राम पंचायत मुलमुला में महिला IAS अधिकारी जिला पंचायत सीईओ जिला पंचायत सीईओ (CEO) नूपुर राशी पन्ना व उनके साथ ही सीईओ जनपद, डिगेश पटेल व अन्य अधिकारियों ने बिहान योजना के अंतर्गत इस विधि की बारीकियां सीखकर आए लोगो के साथ ग्राम पंचायत मुलमुला के किसान महेश देवांगन के खेत मे इस विधि का प्रदर्शन किया।

धान के उत्पादन में होता है इजाफा
कृषि विभाग के एसडीओ उग्रेस देवांगन ने बताया कि इस विधि से रोपाई करने से पैदावार में इजाफा होता है। उत्पादन में अन्य विधियों की तुलना में अधिक उत्पादन होता है। इसे 12 से 15 दिन के पौधों को 25-25 के अंतराल में रोपा जाता है।

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