ब्रेकिंग : मोदी सरकार का बड़ा फैसला: डॉक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ अपराध पर हो सकती है 7 साल तक की सजा और जुर्माना

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, PM नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा, इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है ।

सरकार ने इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून में बदल जाएगा ।

डॉक्टर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर नुकसान से दोगुना धन वसूला जाएगा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि महामारी कानून में बदलाव करके अध्यादेश लागू करने का निर्णय लिया जाएगा, ये संज्ञान लेने और गैर जमानती होगा, 30 दिन में कार्रवाई होगी और एक साल में फैसला आएगा ।

जावड़ेकर ने यह भी बताया है कि अध्यादेश में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, नये अध्यादेश के तहत डॉक्टर की संपत्ति को नुकसान होने पर मार्केट वैल्यू से दोगुना धन वसूला जाएगा. आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को कोविड रोगों का निशुल्क इलाज होगा ।

डॉक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ अपराध पर हो सकती है 3 महीने से 5 साल तक की सजा
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा. आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना (Fine) हो सकता है ।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आरोग्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों (Attack) और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा ।

30 दिन में पूरी होगी ऐसी हिंसा की जांच, गैर जमानती श्रेणी का माना जाएगा अपराध
इस हिंसा (Violence) की जांच 30 दिनों में पूरी करनी होगी. साथ ही ऐसी हिंसा गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगी ।

इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने भारत की कोरोना से लड़ने की वर्तमान क्षमता के बारे में बताते हुए कहा कि पहले हमारे पास PPE बनाने वाली एक भी शाखा नहीं थी, वर्तमान में 77 हैं. उन्होंने बताया कि 723 हॉस्पिटल, आइसोलेशन के लिए करीब 2 लाख बेड, 14 हजार आईसीयू बेड और 12 हजार वेंटिलेटर की क्षमता भारत के पास है. और यह सारा प्रबंध 3 महीने में हुआ है ।

डॉक्टरों को आई गंभीर चोट तो 7 साल की होगी सजा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपये है, बता दें कि इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा था कि अगर डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो वे बुधवार को मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करेंगे और गुरुवार को ‘काला दिन’ मनाएंगे ।

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