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CG Bharatmala Project Scam: प्रदेश के 11 जिलों के कलेक्टरों को जांच के निर्देश, सचिव ने लिखा पत्र…220 करोड़ की गड़बड़ी की आशंका

CG Bharatmala Project Scam: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) को लेकर विष्णु सरकार सख्त नजर आ रही है, परियोजना में भ्रष्टाचार सामने आने के बाद अब इस घोटाले की जांच वृहद् स्तर पर किया जा रहा है, राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (Avinash Champawat) ने राज्य के 11 जिलों के कलेक्टरों को मुआवजा घोटाले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत (Avinash Champawat) ने जिन जिलों में जांच शुरू की गई है उनमें रायपुर (Raipur), दुर्ग (Durg), धमतरी (Dhamtari), कांकेर (Kanker), कोंडागांव (Kondagaon), कोरबा (Korba), रायगढ़ (Raigarh), जशपुर (Jashpur), राजनांदगांव (Rajnandgaon), बिलासपुर (Bilaspur) और जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) शामिल हैं।

फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर करोड़ों की मुआवजा राशि हड़पी

ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing – EOW) को इस मामले में पहले की गई प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें बताया गया है कि कुछ सरकारी अफसरों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने आपसी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर करोड़ों की मुआवजा राशि हड़प ली।

शुरुआती जांच में जहां 43 करोड़ रुपये की अनियमितता की बात सामने आई थी, वहीं अब जांच एजेंसियों को 220 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार की आशंका है। अब तक 164 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी जांच एजेंसी को मिल चुकी है।

क्या है भारतमाला परियोजना घोटाला?

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ से विशाखापत्तनम तक 950 किलोमीटर लंबा फोरलेन और सिक्स लेन सड़क निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य में किसानों से बड़ी मात्रा में जमीन अधिग्रहित की गई है।

2013 के भूमि अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) के तहत अगर किसी किसान की 5 लाख की जमीन ली जाती है तो उसे 5 लाख का मूल्य और 5 लाख का सोलेशियम (Solatium) यानी कुल 10 लाख रुपये मिलते हैं।

यह मुआवजा अधिकतम 4 गुना तक भी जा सकता है। लेकिन इसी प्रक्रिया में घोटाला हुआ, और कुछ लोगों को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर करोड़ों की राशि दे दी गई, जबकि असली हितग्राहियों को आज भी मुआवजे का इंतजार है।

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