अब महेंद्र कर्मा के नाम से जाना जाएगा “बस्तर विश्वविद्यालय”….झीरम हमले में जान गंवाने वालों को सीएम ने दी श्रद्धांजलि,- “ये एक राजनीतिक षड़यंत्र था, हमने प्रथम पंक्ति के नेताओं को खो दिया, नेताओं को न्याय नहीं मिलने का मलाल है हमें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल हमले में शहीद जवानों और नेताओं को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की । भूपेश बघेल ने बस्तर विश्व विद्यालय का नाम महेंद्र कर्मा के नाम पर रखने की घोषण कर दी है। झीरम हमले की बरसी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में भूपेश बघेल ने कहा कि शहीदों की स्मृति में 25 मई को प्रत्येक साल झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा आज के दिन को कभी भी भूला नहीं जा सकता। शहीदों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। हमारी कोशिश जारी हैं लेकिन सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि शहीद नेताओं की याद में हम लगातार काम कर रहे हैं।
आज #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस के अवसर पर राजीव भवन पहुँचकर झीरम घाटी दुर्घटना में शहीदों को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण अब बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर हम सबके वरिष्ठ नेता शहीद स्वर्गीय श्री महेंद्र कर्मा के नाम पर किया जाएगा। pic.twitter.com/zzZ2pfRNUR— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 25, 2020
इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट भी किया है। सीएम बघेल ने ट्वीट कर कहा कि 25 मई को अब जीरम श्रद्धांजलि दिवस के रूप में सदैव स्मरण करेगा । हमारे नेताओं का न होने का एहसास तो हमें हर पल- हर क्षण होता है, छत्तीसगढ़ को लेकर उनकी दूरदर्शिता भी हमें प्रतिदिन कार्य करने को प्रेरित करती है वे आज भी हमारा संबल हैं। आज हम उन जवानों को भी नमन करते हैं जिन्होंने उस काले दिन अपनी जान गंवाई थी। अब तक नक्सलवादी हिंसा में जान गंवाने वाले जवानों और नागरिकों को भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं।
सीएम बघेल ने कहा 25 मई 2013 को तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में विद्याचरण, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, दिनेश पटेल समेत तमाम कांग्रेस के नेतागण परिवर्तन यात्रा में निकले थे, झीरम घाटी में नक्सल हमले में जो एक राजनीतिक अपराधिक षड्यंत्र था, उसकी शिकार हुए, हमारे प्रथम पंक्ति के सारे नेता काल के गाल में समा गए, एक भीषण षडयंत्रपूर्वक हत्या हुई है, इन नेताओं के यादें हम सबके मन में है. राजनीतिक नरसंहार वहां किया गया, लेकिन उन आत्माओं को एक-एक करके न्याय नहीं मिल पाया है, षड्यंत्र से पर्दा उठा नहीं है |
उनहोंने कहा कि सब लोग उसे जानने की इच्छुक हैं, लेकिन आप सब जानते हैं कि अनेक बाधाएं हैं, और उन बाधाओं को हम लोग दूर करेंगे. जब सच सामने आएग्क़ तो अपराधी कटघरे में खड़े होंगे, तभी उन महापुरुषों को श्रद्धांजलि मिलेगी, हमारे सुरक्षाकर्मी भी बड़ी संख्या में हताहत हुए थे, और आज के दिन पूरे छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय अशासकीय कार्यालयों में झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाएगा, इस प्रकार का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किया गया है, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की यादों को बनाए रखने के लिए बस्तर विश्वविद्यालय महेंद्र कर्मा के नाम से जाना जाएगा |
एनआईए जांच को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि एक तकनीकी समस्या है क्योंकि राज्य सरकार ने ही एनआईए को जांच जिम्मा सौंपा था, और जांच को कम्प्लीट कर लिया गया, लेकिन जो षडयंत्र हुआ है, उसके बारे में कोई जांच नहीं हुई, जो नक्सली पकड़े गए है, एनआईए कोर्ट ने जो आदेश दिया कि जिन्होंने आत्मसमपर्ण किया उसका बयान लिया जाए, वह भी नहीं लिया गया और जो लोग घटना स्थल में थे, उनसे भी बयान नहीं लिया गया, चाहे वह फूलों देवी नेताम हो या चाहे अन्य साथी, उनके भी बयान एनआईए ने नहीं लिया, जांच ही अधूरी है इस मामले में जांच पूरी हो इसके लिए कौन जिम्मेदार है, तथ्य सामने आना चाहिए |