Upsc Controversy: 4 IAS अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू, राज्य सरकार ने चार विकलांग IAS के मामले में शुरू की जांच, यहां भी पूजा खेडकर जैसा कांड? 

Upsc Controversy: महाराष्ट्र की चर्चित ट्रेनी आइएएस पूजा खेडकर के विवाद के अब देश की सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों (आइएएस/आइपीएस) के लिए विकलांगता सर्टिफिकेट के इस्तेमाल का पंडोरा बॉक्स (बुराइयों का पिटारा) खुलने लगा है। ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद गुजरात सरकार ने अपने स्तर पर चार आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की है।

गुजरात कैडर के यह इन सभी अधिकारियों ने विकलांगता सर्टिफिकेट के जरिए आईएएस में चयन हासिल किया है। गुजरात सरकार के समान्य प्रशासन विभाग (GAD) की तरफ से जिन चार IAS के खिलाफ जांच शुरू की गई है। उनमें तीन जूनियर और एक सीनियर लेव के अधिकारी हैं। पूजा खेडकर विवाद के बाद गुजरात सरकार इस मामले में काफी सतर्कता बरत रही है।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शुरू की गई जांच में कोई भी शंका नहीं छोडऩे के निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक जांच के बाद इन चार अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। अब इनके विकलांगता प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है |

बताया जा रहा है कि एक आईएएस अधिकारी का चयन विकलांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर हुआ था, लेकिन जांच में पाया गया कि अधिकारी को फिलहाल कोई विकलांगता नहीं है। हालाँकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भी संभव है कि संबंधित अधिकारी ने सेवा शुरू करते समय विकलांगता से ग्रस्त रहा होगा, जो समय के साथ ठीक हो गया होगा, लेकिन सच्चाई पूरी जांच के बाद ही पता चल सकेगी।
इन अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण-पत्र सरकार द्वारा जांच किए जा रहे हैं। सरकार सामान्य प्रशासन विभाग की जांच में इन अधिकारियों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए जाते हैं तो यूपीएससी को रिपोर्ट देगी। इसके बाद आगे कदम उठाया जाएगा। पूजा ने वाशिम छोड़कर कहा कि फिर आऊंगी। आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर की लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी मसूरी से भेजे गए एक पत्र के बाद वाशिम में ट्रेनिंग बंद कर दी गई। वह वाशिम से अपने घर रवाना हो गई है । मैं जल्द ही वाशिम आऊंगा, उन्होंने कहा। पूजा को फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र जमा करके आईएएस बनने के आरोपों का सामना करते हुए 23 जुलाई तक एकेडमी में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।

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