श्रीहनुमान सेवा समिति यूथ क्लब ने अग्रसेन चौक में विशाल भंडारा आयोजित किया..,हरिभूमि ग्रुप संपादक प्रवीण शुक्ला ने दीप प्रज्ज्वलित कर भंडारे की शुरूआत की…

बिलासपुर, 12 अप्रैल 2025 – हनुमान जयंती के पावन अवसर पर श्रीहनुमान सेवा समिति यूथ क्लब द्वारा अग्रसेन चौक में भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ पत्रकार एवं हरिभूमि के संपादक प्रवीण शुक्ला ने दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात जय श्री राम और जय हनुमान के जयकारों के साथ युवाओं ने प्रसाद वितरण किया।

सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं, जो बजरंगबली के दर्शन के लिए उत्साहित थे। शहर भर में विभिन्न स्थानों पर भंडारों का आयोजन किया गया। कहीं हनुमान जी को लड्डू से तौलकर प्रसाद बांटा गया, तो कहीं दूधाभिषेक कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। बिलासपुर सहित अंचलों में हनुमान जयंती को लेकर उत्साह का माहौल रहा, और प्रभु श्री राम के साथ शानदार झांकी भी निकाली गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण शुक्ला ने युवाओं का मनोबल बढ़ाया और भंडारे की व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए समाज हित में सदैव अग्रसर रहने की प्रेरणा दी। उनकी उपस्थिति से आयोजन समिति के युवा उत्साहित हुए और उन्होंने उनका दिल से स्वागत किया। प्रवीण शुक्ला ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए भोग वितरण में भाग लिया।

इस अवसर पर हनुमान भक्त गोपाल दुबे ने कहा, “हनुमान जयंती पर सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। संकट मोचन हनुमान हमारी सभी संकटों को पल में हर लेते हैं, और आज हमें उनकी सेवा करने का अवसर मिला है। समिति के सभी युवक एकजुटता और मजबूती के प्रतीक हैं। आने वाले वर्ष में इससे भी बेहतर और भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा।”

समिति के सक्रिय सदस्य डॉ. पंकज गुप्ता ने कहा, “देश में प्रभु श्री राम और संकट मोचन हनुमान हर किसी के दिल में राज करते हैं। दिन की शुरुआत जय श्री राम और जय हनुमान से ही होती है। ‘भूत पिशाच निकट नहीं आवें, महावीर जब नाम सुनावें।’ प्रभु की महिमा इतनी अपरम्पार है कि उनके नाम लेने से ही सारे काम आसानी से हो जाते हैं।”

इस अवसर पर  श्रीहनुमान सेवा समिति यूथ क्लब के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। समिति ने समाज के प्रत्येक वर्ग को इस आयोजन में शामिल करने की प्राथमिकता रखी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। आयोजन की भव्यता इस बात का संकेत है कि संगठन में वह शक्ति है, जिससे मिलकर हर वह चीज संभव है, जो असंभव लगती है।

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