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Custom Milling Scam: EOW ने कोर्ट में पेश किया 1500 पन्नों का चालान, अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का चार्जशीट में नाम, राइस मिलरों पर बनवाया गया दबाव

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में बड़ा अपडेट, अधिकारियों और कारोबारी गठजोड़ से वसूले गए करोड़ों रुपये, अब कोर्ट में पहुंचे नए सबूत

रायपुर 6 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ के चर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। ब्यूरो ने वरिष्ठ अधिकारी अनिल टूटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर के खिलाफ 1500 पन्नों का पूरक चालान (Supplementary Charge Sheet) कोर्ट में पेश किया है।

ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपियों ने राइस मिलरों से अवैध वसूली की थी। यह वसूली करीब 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाती थी। आरोप है कि जिन मिलरों के बिल पास नहीं किए जाते थे, उन पर अधिकारियों द्वारा दबाव बनवाया जाता था।

इस वसूली से करीब 20 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया गया। आरोप पत्र में कहा गया है कि पूरी साजिश मिलकर रची गई थी, जिसमें अफसरों और कारोबारियों की मिलीभगत से सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग किया गया। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में सभी साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए हैं। आने वाले दिनों में मामले की सुनवाई के दौरान कई वरिष्ठ अफसरों और राइस मिलर्स के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं। एजेंसी का कहना है कि आगे और भी पूरक चालान पेश किए जा सकते हैं।

ये है आरोप पत्र में

EOW ने 1500 पन्नों का पूरक चालान अदालत में पेश किया, आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 120B, 384, 409 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 11, 13(1)(क), 13(2) के तहत कार्रवाई, आरोप है कि अनवर ढेबर ने वसूली की रकम को संग्रहित, खर्च और निवेश भी किया। इस केस की जांच में रामगोपाल अग्रवाल सहित अन्य नाम भी शामिल हैं। दोनों आरोपी फिलहाल केंद्रीय जेल रायपुर में न्यायिक हिरासत में हैं।

क्या है मामला

राज्य सरकार द्वारा संचालित कस्टम मिलिंग व्यवस्था के तहत राइस मिलरों को धान चावल में बदलकर जमा करने की जिम्मेदारी दी जाती थी। इसी प्रक्रिया के दौरान कथित तौर पर अफसरों और कारोबारी गठजोड़ ने अवैध लाभ लेने की योजना बनाई।
जांच एजेंसी का कहना है कि यह एक संगठित आर्थिक अपराध है, जिसमें सरकारी पदों का दुरुपयोग कर मिलरों पर अवैध दबाव बनाया गया।

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