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आचार्य इंस्टीट्यूट के बाहर हुए विवाद में नया मोड़: पॉम्पलेट चिपकाने वाले दंपत्ति ने पहले की बदतमीज़ी, कैंसर पीड़ित स्टाफ को कहा अपशद्ब…नया वीडियो आया सामने, देखिए-Video

बिलासपुर के चर्चित आचार्य इंस्टीट्यूट मामले में अब नया वीडियो सामने आया है। इसमें पॉम्पलेट बाँटने वाले दंपत्ति को पहले बहस और अभद्र भाषा का प्रयोग करते देखा गया है। संस्थान का कहना है — “हम पर लगाए गए आरोप एकतरफा और गलत हैं।”

बिलासपुर. हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई बिलासपुर के आचार्य इंस्टीट्यूट से जुड़ी घटना में अब नया मोड़ सामने आया है। कुछ और सामने आए नए वीडियो और चश्मदीदों के अनुसार, पॉम्पलेट बाँटने वाले दंपत्ति ने पहले आचार्य इंस्टीट्यूट के स्टाफ से अभद्र व्यवहार किया, उन्हें उकसाया और विवाद को बढ़ाया |

इन वीडियो के अनुसार, दंपत्ति ने संस्थान के सामने पॉम्पलेट चिपकाने के दौरान स्टाफ से बहस शुरू कर दी। जब स्टाफ ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा, तो उन्होंने आक्रामक भाषा का उपयोग किया और गाली-गलौज तक की। इस दौरान पॉम्पलेट चिपकाने वाले ने इंस्टिट्यूट के कर्मचारियों को अपशब्द कहे, जिसका वीडियो अब सामने आया है।

मैनेजमेंट के अनुसार “इंस्टीट्यूट के किसी भी स्टाफ ने पहले कोई गलत हरकत नहीं की। वे केवल अपने संस्थान की मर्यादा बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। पूरे मामले को एकतरफा दिखाया गया है और सच्चाई अब सामने आ रही है।”

यह विवाद जानबूझकर बढ़ाया गया, जिससे संस्थान की छवि खराब की जा सके। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, सच जल्द ही सबके सामने आ जाएगी।

दंपत्ति का पक्ष
दंपत्ति ने आरोप लगाया है कि वे केवल अपने कोचिंग सेंटर का प्रचार कर रहे थे और उन्हें रोका गया। उनका कहना है कि स्टाफ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हालांकि, सामने आए नए वीडियो में दंपत्ति की आक्रामकता, अपशब्द स्पष्ट दिखाई दे रही है। इस तरह से शब्दों के बाद विवाद बढ़ाना बताया जा रहा है |

पुलिस जांच जारी
पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए हैं। “वीडियो फुटेज और चश्मदीदों के बयान की जांच की जा रही है। घटना का पूरा वीडियो जांच में मदद करेगा और इससे यह स्पष्ट होगा कि किसने पहले विवाद को हवा दी।

पूर्व नियोजित हो सकता है मामला

घटना को लेकर अब यह आशंका जताई जा रही है कि पूरा मामला पूर्व नियोजित (Pre-planned) हो सकता है। संस्थान से जुड़े सूत्रों के अनुसार, CCTV फुटेज में दंपत्ति में साथ आए दो लड़कियां को घटना से लगभग आधा घंटा पहले परिसर के आसपास घूमते हुए देखा गया है, मानो वे पहले से किसी मौके की तलाश में हों।
विवाद शुरू होते ही महिला ने जानबूझकर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी, ना कि मामला को शांत कराने की कोशिश की, साथ युवक बार बार बोलता रहा मैं वीडियो वायरल कर दूंगा।

संस्थान से मिली जानकारी की माने तो “हमारे स्टाफ ने ही सबसे पहले 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर दोनों पक्षों को समझाइश दी, जिससे मामला शांत भी हो गया था। लेकिन कुछ देर बाद युवक दोबारा विवाद शुरू करके अपशब्दों का प्रयोग करके मामला को भड़काने लगा।”

जानकारी के मुताबिक, इस दौरान युवक ने कैंसर पीड़ित एक वरिष्ठ स्टाफ सदस्य के लिए भी अपशब्द कहे, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराज़गी फैल गई। संस्थान का कहना है कि यह व्यवहार न केवल अमर्यादित था, बल्कि मानवीय दृष्टि से भी बेहद असंवेदनशील।

संस्थान का यह भी दावा है कि पिछले पाँच वर्षों में आचार्य इंस्टीट्यूट ने बिलासपुर के शिक्षा क्षेत्र में नए माइलस्टोन स्थापित किए हैं, जिसके कारण कुछ प्रतियोगी संस्थान उनके खिलाफ सोची-समझी साज़िशें रच रहे हैं।
फिलहाल पुलिस CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर जांच कर रही है।

एकतरफ़ा वीडियो से भ्रमित न हों, पूरी सच्चाई सामने आने दें

बिलासपुरवासियों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अधूरे वीडियो या एकतरफ़ा पोस्ट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। सच्चाई CCTV फुटेज और पुलिस जांच के बाद पूरी तरह स्पष्ट होगी।
आचार्य इंस्टीट्यूट का कहना है कि हम लगातार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और अनुशासन के साथ काम कर रहा है। हमारे स्टाफ के साथ जो हुआ, वह अत्यंत दुखद है। हम चाहते हैं कि बिलासपुर के लोग तथ्यों को समझें, न कि अफवाहों पर प्रतिक्रिया दें।”

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