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IAS का मोबाईल हैंग : दारू को लेकर मिल रही सूचना और शिकायतों से हैंग हुआ इस IAS अफसर मोबाइल, जानिए क्या है पूरा मामला

बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मद्य निषेध विभाग की कमान कड़क आईएएस अधिकारी केके पाठक को सौंपी है. यह दूसरा मौका है जब केके पाठक ने मद्य निषेध विभाग में पदभार संभाला है. पद भार संभालने के बाद केके पाठक ने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए. पहले फैसले के तहत केके पाठक ने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया और बिहार भर के लोगों से इस नंबर पर शराब से संबंधित किसी भी तरह की सूचना देने की अपील की. उनकी इस अपील का असर ये हुआ कि शिकायतों और सूचना की लंबी फेरहिस्त की वजह से मोबाइल ही हैंग करने लगा.

मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि केके पाठक को पूरे बिहार से व्हाट्सएप पर इतने सारे मैसेज आ रहे हैं कि उनका मोबाइल बार-बार हैंग कर जा रहा है. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों की मानें तो अपर मुख्य सचिव के मोबाइल पर आने वाले मैसेज को संबंधित डीएम और एसपी के साथ ही उत्पाद अधीक्षक को भी भेजा जा रहा है और करवाई की रिप्लाई रिपोर्ट भी तलब की जा रही है. जिस सूचना और शिकायत पर कार्रवाई हो रही है, उस पर आभार का संदेश भी भेजा जा रहा है. शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मद्य निषेध विभाग ने अब मोबाइल की जगह कंट्रोल रूम में वेब व्हाट्सएप के माध्यम से संदेशों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है.

इसके अलावा केके पाठक ने बेल्ट्रान में चल रहे कॉल सेंटर को मद्य निषेध इकाई में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. उनके आदेश के बाद यह कॉल सेंटर अब मद्य निषेध इकाई में काम करने लगा है. इस कॉल सेंटर के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे द्वारा बॉर्डरिंग एरिया में शराब की तस्करी को रोकने के लिए की जा रही सख्ती और कार्रवाई की मॉनिटरिंग लगातार जारी है. इस बात की जानकारी उत्पाद आयुक्त भी कार्तिकेय धनजी ने दी है. अब मद्य निषेध विभाग ने ड्रोन के माध्यम से भी शराब की तस्करी और धंधे पर रोक लगाने की पहल शुरू कर दी है और इसके लिए बकायदा निविदा भी जारी कर दी गई है.

एजेंसी के चयन के बाद बिहार पहला ऐसा राज्य होगा जहां ड्रोन के माध्यम से शराब की तस्करी रोकने की पहल शुरू होगी. मालूम हो कि पिछले दिनों ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए थे, जिसके बाद से शराब माफियाओं के खिलाफ बिहार में लगातार कार्रवाई जारी है.

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