दूसरों का सपना सच करने छोड़ दी IAS की नौकरी!….इस्तीफे के 3 साल बाद अब शासन ने आईएएस ग्रेडेशन लिस्ट से हटाया नाम, जानिए कौन हैं डॉ. रोमन सैनी

आईएएस अफसर रोमन सैनी ने युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2015 में सैनी ने जबलपुर में परिवीक्षा अवधि में एसडीएम रहते हुए ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। जिसे केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (डीओपीटी) ने तीन साल बाद अप्रैल 2018 में स्वीकार कर लिया है। हाल ही में राज्य शासन ने सैनी का नाम आईएएस ग्रेडेशन लिस्ट से हटाते हुए उन्हें इसकी सूचना भेजी है।
भारत की सबसे प्रतिष्ठित समझी जाने वाली ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ में जाना हर युवा का सपना होता है। पद-प्रतिष्ठा और गरिमा से परिपूर्ण इस सर्विस में चयन के लिए लाखों युवा सालों-साल दिन-रात जुट कर तैयारी करते हैं। दिल्ली, इलाहाबाद, चेन्नई, हैदराबाद और देश के लगभग सभी प्रमुख स्थानों में सैकड़ों आईएएस की तैयारी करवाने वाले कोचिंग संस्थान मौजूद हैं, जो परीक्षार्थियों से लाखों रूपये की फीस चार्ज करते हैं। ऐसे में सामान्य आर्थिक घराने से संबंधित आकांक्षी के लिए IAS की तैयारी लगभग नामुमकिन हो जाती है।


सिविल सेवा परीक्षा 2013 में 18वां स्थान प्राप्त करने वाले डॉ. रोमन सैनी शिक्षा के इस अघोषित सामंतीकरण से व्यथित थे। इसलिए ट्रेनिंग पीरियड के दौरान ही उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ गरीब युवा अभ्यर्थियों को दिग्दर्शित करने का बीड़ा उठा लिया। इसकी शुरुआत वो स्वयं सिविल सर्विस की तैयारी के दौरान ही कर चुके हैं।

कौन हैं डॉ.रोमन सैनी ?

डॉ. सैनी देश में सबसे कम उम्र में आईएएस की परीक्षा पास करने वाले परीक्षार्थियों में से एक हैं। मूलतः राजस्थान के छोटे से गाँव रायकरनपुरा के निवासी रोमन ने महज 16 साल में AIIMS की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण की। रोमन के पिता इंजीनियर और माँ गृहणी हैं। MBBS की पढ़ाई के तुरंत बाद रोमन पहले प्रयास में आईएएस में चयनित हो गये। साथ ही वे अपने यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से युवा छात्रों को आईएएस की तैयारी के टिप्स देते रहे।

इस कारण वे युवाओं के बीच जल्द ही एक यंग मोटीवेशनल स्पीकर और मेंटर के रूप में चर्चित हो गये। मध्यप्रदेश के जबलपुर में ट्रेनिंग पीरियड के दौरान सहायक कलेक्टर रहे श्री सैनी ने सितम्बर 2015 में ही अपना इस्तीफा भेज दिया था, जिसे जनवरी में मंजूर कर लिया गया। हालाँकि इस कारण उन्हें ट्रेनिंग में खर्च पूरी सरकारी राशि को कार्मिक मंत्रालय को वापस करना पडेगा।

अकेले नहीं हैं शिक्षा की मुहिम में

रोमन के स्कूल के दोस्त रहे गौरव मुंजाल जो एक प्रतिष्ठित रियल स्टेट कंपनी में CEO में थे, ने भी रोमन की इस शैक्षिक क्रांति में सहयोग करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। कुछ और मित्रों के सहयोग इन्होने UNACEDEMY.in नामक एजुकेशनल वेब पोर्टल रिलीज किया। इसमें रोमन आईएएस एसपीरेंट्स को तैयारी के दिशा-निर्देश देते देखे जा सकते हैं। यह एकेडमी अब तक करीब कई वीडियोज रिलीज कर चुकी है। YOUTUBE और एंड्रॉयड एप्स के माध्यम से उनके वीडियोज को बम्पर हिट्स मिल रहे हैं। अनएकेडमी द्वारा ऑनलाइन फ्री कोचिंग देने के लिए रोमन के साथ करीब 20 से ज्यादा शिक्षक सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।

एजुकेशनल स्टार्टअप के लिए PMO ने किया आमंत्रित

रोमन फेसबुक, ट्वीटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की मदद से देश भर के सिविल सर्विस आकांक्षियों से सपर्क बनाये रखते हैं। रोजाना अनएकेडमी के माध्यम से हजारों युवा फ्री कोचिंग का लाभ ले रहे हैं। ये अपने आप में एक बेहतरीन एजुकेशनल स्टार्ट-अप है।

रोमन और उनके मित्रों की इस पहल को सराहने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन्हें आगामी 16 जनवरी से शुरू होने वाले स्टार्ट-अप इंडिया प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया है। डॉ. रोमन सैनी खुले दिल के जोशीले युवा हैं, जिनका उद्देश्य सिविल सेवा की तैयारी में हताश हुए युवाओं में ऊर्जा का संचार करना है। अपनी प्रोफाइल में रोमन गिटारिस्ट भी मेंशन करते हैं।

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