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आज से बदल जाएंगे UPI के नियम: बैलेंस चेक, ऑटोपे और ट्रांजेक्शन प्रोसेस में आएंगे बड़े बदलाव

CGN24 टीम, 1 अगस्त 2025. देशभर में करोड़ों लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले यूपीआई (UPI) सिस्टम में 1 अगस्त 2025 से नई गाइडलाइंस लागू हो गई हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी इन नए नियमों का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अधिक सुरक्षित, प्रभावी और कम लोड वाला बनाना है।

क्या हैं नए नियम?

बैलेंस चेक लिमिट:
अब एक UPI ऐप से दिन में केवल 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक किया जा सकेगा। इससे ज्यादा बार प्रयास करने पर रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो सकती है।

Linked Account View सीमा:
किसी ऐप से लिंक्ड बैंक अकाउंट्स देखने की लिमिट अब 25 बार प्रति दिन तय की गई है।

फेल ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक:
यदि किसी ट्रांजेक्शन में फेलियर होता है, तो उसकी स्थिति दिन में केवल तीन बार ही जांची जा सकती है। हर चेक के बीच 90 सेकंड का अंतर जरूरी होगा।

ऑटो-पेमेंट स्लॉट्स:
अब यूपीआई आधारित ऑटो डेबिट (AutoPay) केवल तीन समय-खंडों में ही हो सकेंगे:

  • सुबह 10 बजे से पहले

  • दोपहर 1 से 5 बजे के बीच

  • रात 9:30 बजे के बाद

भुगतान से पहले रिसीवर का नाम दिखेगा:
अब पेमेंट से पहले UPI ऐप रिसीवर का रजिस्टर्ड नाम दिखाएगा, जिससे फ्रॉड की आशंका कम होगी।

UPI शुल्क का कोई बोझ नहीं आम उपभोक्ताओं पर:
इन नए नियमों के साथ कुछ तकनीकी शुल्क लागू होंगे, लेकिन आम उपभोक्ताओं या व्यापारियों को किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। यह शुल्क केवल पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों पर लागू होगा।

क्यों जरूरी थे ये बदलाव?

NPCI का कहना है कि बीते कुछ समय में UPI ट्रैफिक में भारी बढ़ोतरी देखी गई, जिससे सर्वर पर दबाव बढ़ा। इन नियमों से बैकएंड प्रोसेसिंग आसान होगी, और तकनीकी गड़बड़ियों की संभावना घटेगी। साथ ही, ऑटो-पे और वेरिफिकेशन फीचर्स के माध्यम से ट्रांजेक्शन की सुरक्षा भी बढ़ेगी।

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