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IAS सस्पेंड : पहले छोड़ी सरकारी नौकरी, फिर UPSC क्रैक करके बने IAS ऑफिसर, अब हो गए सस्पेंड, जानें क्या है पूरा मामला

आईएएस अधिकारी नविन तंवर को संस्पेंड कर दिया गया है, हिमांचल प्रदेश कैडर के नविन तंवर पर आरोप है की उन्होंने आज से दस साल पहले IBPS क्लर्क भर्ती की परीक्षा में किसी दूसरे उम्मीदवार की जगह परीक्षा में शामिल हुए थे, नविन तंवर ने UPSC की परीक्षा में 158 रौनक हासिल किया था, इसके बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर अलॉटमेंट किया गया. DOPT द्वारा जारी IAS कैडर लिस्ट के अनुसार नवीन को यूपीएससी में कुल 1880.43 मार्क्स मिले थे.

बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा की वजह से IAS Officer सस्पेंड
वर्ष 2019 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन तंवर (Naveen Tanwar) को कुछ दिनों पहले सस्पेंड कर दिया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने किसी और की जगह बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा दी थी. पिछले महीने तंवर को तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) तंवर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन सीबीआई अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया. इस मामले में विधि विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे तक जेल में रहता है, तो उसे स्वतः ही ‘निलंबित’ माना जाना चाहिए.

हिमाचल के चंबा में थे एडिशनल डिप्टी कमिश्नर
नवीन वर्तमान में चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर/प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे. सूत्रों के अनुसार, 13 दिसंबर 2014 को उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी तंवर ने झांसी के अमित सिंह की जगह गाजियाबाद के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) क्लर्क भर्ती परीक्षा दी थी. सीबीआई ने सॉल्वर गैंग को पकड़ा था, जिसमें तंवर छह आरोपियों में से एक था. वर्ष 2019 में सुनवाई के दौरान तंवर से पूछताछ की गई थी. 24 मार्च को तंवर ने 14 दिन की छुट्टी के लिए ईमेल भेजा था. राज्य प्रशासन ने पहले ही तंवर को सात दिन की छुट्टी दे दी थी. गाजियाबाद स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने 2014 में इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) क्लर्क भर्ती परीक्षा आयोजित की थी.

कडी मेहनत के बाद UPSC परिक्षा में सफलता मिली और 2019 बैच में आईएएस का पद मिल गया, लेकिन केस अभी तक चल रहा था, 9 साल तक जो केस चला मार्च 2024 में नवीन समेत 6 अन्य लोगों समेत दोषी करार दिया गया फैसले में नवीन तंवर को 3 साल तक सजा हुई और 50000 तक जुर्माना भी लगा। सीबीआई कोर्ट ने नविन की अर्जी पर उन्हें जेल भेजने से राहत दी है, हालंकि अभी नवीन तंवर के पास अभी भी ऊपरी अदालत से फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प उपलब्ध है।

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